भारतीय सरकार ने महिला किसानों के लिए ड्रोन सब्सिडी योजना शुरू की
भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार ने ‘नमो ड्रोन दीदी’ योजना शुरू की है। इस योजना के तहत महिला स्व-सहायता समूहों (SHGs) को 80% तक की सब्सिडी देकर कृषि ड्रोन खरीदने में सहायता दी जाएगी। इस पहल का उद्देश्य खेती को अधिक प्रभावी और उत्पादक बनाना है।
‘नमो ड्रोन दीदी’ योजना की मुख्य बातें:
✅ सब्सिडी लाभ: पात्र महिला स्व-सहायता समूहों (SHGs) को प्रति ड्रोन ₹8 लाख तक की सब्सिडी मिलेगी, जो कि कुल लागत का 80% होगी। चूंकि कृषि ड्रोन की औसत कीमत ₹10 लाख होती है, यह योजना महिलाओं के लिए बड़ा वित्तीय सहयोग साबित होगी।
✅ कार्यक्रम का दायरा: इस योजना का लक्ष्य वित्त वर्ष 2025-26 तक 14,000 से अधिक महिला SHGs को सहायता प्रदान करना है, जिसके लिए सरकार ने ₹1,261 करोड़ का बजट निर्धारित किया है।
✅ सम्पूर्ण पैकेज: इस सब्सिडी में सिर्फ ड्रोन ही नहीं, बल्कि कैमरे, उर्वरक स्प्रेयर, अतिरिक्त बैटरी, चार्जर और ड्रोन संचालन प्रशिक्षण भी शामिल है, जिससे महिला SHGs किसानों को किराए पर ड्रोन सेवा प्रदान कर सकें।
कृषि में ड्रोन का लाभ
🚜 बेहतर उत्पादकता: ड्रोन के माध्यम से खाद और कीटनाशकों का छिड़काव अधिक सटीक तरीके से किया जा सकता है, जिससे 40% तक की बचत होगी।
💰 कम लागत: ड्रोन का उपयोग श्रम और रसायनों की लागत को कम करता है, जिससे किसानों की आय बढ़ सकती है।
📊 स्मार्ट खेती: ड्रोन फसलों की सेहत, मिट्टी की गुणवत्ता और सिंचाई की जरूरतों की जानकारी प्रदान करते हैं, जिससे बेहतर कृषि प्रबंधन संभव होता है।
सरकारी निगरानी और भविष्य की संभावनाएं
इस योजना की देखरेख कृषि, ग्रामीण विकास और नागरिक उड्डयन मंत्रालयों की एक संयुक्त समिति द्वारा की जाएगी। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत का ड्रोन उद्योग 2020-21 में ₹60 करोड़ से बढ़कर 2024-25 तक ₹900 करोड़ तक पहुंचने वाला है। ‘नमो ड्रोन दीदी’ योजना भारत को 2030 तक वैश्विक ड्रोन हब बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।
इस योजना से सरकार न केवल कृषि क्षेत्र को आधुनिक बना रही है, बल्कि महिला किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में भी योगदान दे रही है, जिससे खेती और अधिक लाभदायक और टिकाऊ बन सकेगी। 🚀